पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक बार फिर देश भर के कर्मचारियों के बीच बड़ी खुशी की लहर दौड़ी है। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले ने लाखों कर्मचारियों को राहत दी है और उन्हें उम्मीद की नई किरण दिखाई है। यह फैसला खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए वरदान साबित हुआ है जो लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते आ रहे थे।
पेंशन हर एक नौकरीपेशा व्यक्ति का अधिकार माना जाता है क्योंकि यह रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित जीवन जीने का आधार है। पुरानी पेंशन योजना की सबसे बड़ी खासियत यही थी कि इसमें हर महीने तय पेंशन मिलती थी और कर्मचारी अपने भविष्य को चिंता मुक्त होकर देख सकता था। अब इस योजना से जुड़ा नया नियम लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारी और भी राहत महसूस कर रहे हैं।
Old Pension Scheme
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम एक ऐसी योजना थी जिसमें सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद कर्मचारी को उसकी आखिरी तनख्वाह का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता था। इसके साथ ही महंगाई भत्ता भी पेंशन में जुड़ता था। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यह पूरी तरह से सरकार के भरोसे पर आधारित थी और कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी आजीवन आर्थिक सुरक्षा मिलती थी।
इस योजना में कर्मचारी को अपनी सैलरी का कोई हिस्सा जमा नहीं करना पड़ता था। जो पेंशन मिलती थी उसका पूरा खर्च सरकार उठाती थी। इसी वजह से कर्मचारियों को इसे “सुनहरी पेंशन” कहा जाता था।
नई पेंशन योजना कब शुरू हुई थी
साल 2004 में सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था और नई पेंशन योजना लागू कर दी थी। नई पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर एक निश्चित प्रतिशत राशि जमा करते हैं, जिसके बाद पेंशन एक फंड के रूप में मिलती है। इसमें पेंशन की गारंटी तय नहीं होती, बल्कि यह बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहती है।
नई पेंशन योजना से कर्मचारियों को यह शिकायत रही कि इसमें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा की गारंटी नहीं है। क्योंकि मिलने वाली पेंशन कभी ज्यादा तो कभी कम भी हो सकती है। यही कारण रहा कि कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते रहे।
सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बड़ा निर्णय लेते हुए कहा है कि जो कर्मचारी पुराने नियमों के अंतर्गत नौकरी में आए थे, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। अदालत ने साफ किया कि अगर किसी कर्मचारी की नियुक्ति की विज्ञप्ति पुरानी पेंशन योजना के समय की थी, तो उसे इस योजना का लाभ दिया जाना अनिवार्य है।
यह फैसला उन लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, जिन्होंने वर्षों तक न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि पुरानी पेंशन योजना का अधिकार उन कर्मचारियों को मिलेगा जो इसके योग्य हैं।
कर्मचारियों की खुशी
इस फैसले से देश भर के कर्मचारियों और शिक्षकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। लंबे संघर्ष के बाद उन्हें अपने हक की जीत मिली है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह फैसला सरकार और न्यायपालिका दोनों के लिए ऐतिहासिक माना जाएगा।
कर्मचारी इस निर्णय को अपनी मेहनत और संघर्ष की जीत मानकर जश्न मना रहे हैं। क्योंकि उन्हें अब यह विश्वास हो गया है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें निश्चित पेंशन मिलेगी और आर्थिक असुरक्षा की समस्या खत्म होगी।
सरकार और कर्मचारियों पर असर
पुरानी पेंशन योजना से कर्मचारियों को तो सीधा लाभ मिलेगा, लेकिन इसका असर सरकार पर वित्तीय रूप से बड़ा हो सकता है। पेंशन का भार पूरी तरह से सरकार पर आता है और यह राशि बजट के बड़े हिस्से को प्रभावित करती है। कुछ राज्यों ने पहले ही अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस फैसले के बाद क्या कदम उठाती है।
निष्कर्ष
पुरानी पेंशन योजना से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला कर्मचारियों के लिए बड़ी जीत साबित हुआ है। इसने न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा दी है बल्कि भविष्य को लेकर उनका विश्वास भी दोबारा कायम किया है। अब कर्मचारियों की मौज है क्योंकि उनकी पुरानी पेंशन बहाल होकर उन्हें जीवनभर का सहारा देने जा रही है।