DAP और यूरिया पर सरकार द्वारा दी जा रही भारी सब्सिडी के कारण किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। 2025 के खरीफ सीजन के लिए सरकार ने डीएपी खाद को ₹1,350 प्रति 50 किलोग्राम बोरी पर उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इसके अलावा, यूरिया की कीमत भी ₹242 प्रति 45 किलोग्राम बोरी पर स्थिर रखी गई है। यह नीति किसानों को बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बावजूद सस्ती खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लागू की गई है।
सरकार ने खरीफ 2025 के लिए कुल ₹37,216.15 करोड़ की न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) को मंजूरी दी है। यह राशि पिछले रबी सीजन की तुलना में लगभग ₹13,000 करोड़ अधिक है। इस बजट के तहत, डीएपी पर कुल सब्सिडी ₹27,799 प्रति मीट्रिक टन तय की गई है। इसके अलावा, ₹3,500 प्रति टन की विशेष अतिरिक्त सब्सिडी भी जारी रखी गई है। इससे किसानों को खाद की बाजार कीमतों से काफी कम दर पर उपलब्ध हो रही है।
DAP यूरिया नई दर 2025
2025 में किसानों को डीएपी और यूरिया खाद पर बड़ी राहत मिल रही है। सरकार ने खरीफ सीजन के लिए खाद की कीमतों को स्थिर रखने का फैसला किया है। इसके तहत डीएपी की बोरी की कीमत ₹1,350 पर तय की गई है। यह दर अप्रैल 2024 से लगातार जारी है। इसी तरह, यूरिया की कीमत ₹242 प्रति 45 किलोग्राम बोरी पर बनी हुई है। यह दर मार्च 2018 से अपरिवर्तित है।
सरकार ने न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना के तहत फॉस्फेटिक और पोटासिक (P&K) उर्वरकों के लिए नई सब्सिडी दरें भी जारी की हैं। इसके तहत डीएपी पर ₹27,799 प्रति टन की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा, एमओपी पर ₹1,428 प्रति टन और एनपीके (15-15-15) पर ₹13,350 प्रति टन की सब्सिडी लागू है। इन उर्वरकों की बाजार कीमतें भी नियंत्रित की गई हैं।
योजना का ओवरव्यू
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना |
लागू उर्वरक | डीएपी, यूरिया, एमओपी, एनपीके, एसएसपी |
डीएपी की कीमत | ₹1,350 प्रति 50 किलोग्राम बोरी |
यूरिया की कीमत | ₹242 प्रति 45 किलोग्राम बोरी |
कुल बजट 2025 | ₹37,216.15 करोड़ |
सब्सिडी प्रकार | प्रति मीट्रिक टन सब्सिडी |
लाभार्थी | सभी किसान |
समय अवधि | खरीफ 2025 (1 अप्रैल से 30 सितंबर) |
मुख्य बिंदु
- सरकार ने खरीफ 2025 के लिए डीएपी पर ₹27,799 प्रति टन की सब्सिडी दी है।
- इसके अलावा, ₹3,500 प्रति टन की विशेष सब्सिडी भी जारी है।
- किसानों को डीएपी की बोरी ₹1,350 में मिल रही है।
- यूरिया की कीमत ₹242 प्रति 45 किलोग्राम बोरी पर स्थिर है।
- सरकार ने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की है।
- अप्रैल 2025 के बाद से 1,99,581 जांच और छापे मारे गए हैं।
- 7,927 नोटिस जारी किए गए हैं और 3,623 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।
- सरकार ने ‘वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ योजना लागू की है।
- इसके तहत सभी खाद ‘भारत यूरिया’, ‘भारत डीएपी’ आदि नाम से बेची जा रही हैं।
- इससे किसानों को गुणवत्ता के बारे में भ्रम नहीं होता।
लाभ कैसे मिलेगा
किसान अपने नजदीकी अधिकृत उर्वरक विक्रेता या सहकारी समिति से डीएपी और यूरिया खरीद सकते हैं। इन दुकानों पर खाद की कीमतें सरकार द्वारा तय दरों पर ही लागू होती हैं। सरकार ने मोबाइल फर्टिलाइजर मैनेजमेंट सिस्टम (mFMS) लॉन्च किया है। इसके जरिए किसान नजदीकी डीलर और खाद की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सरकार ने खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे और बंदरगाह प्राधिकरणों के साथ समन्वय बढ़ाया है। इससे खाद की कमी नहीं हो रही है। किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो रही है। इसके अलावा, सरकार ने सऊदी अरब के साथ डीएपी की लंबी अवधि की आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे आगे भी खाद की आपूर्ति सुरक्षित रहेगी।
डेटा टेबल
उर्वरक | सब्सिडी प्रति टन (₹) | किसान की कीमत (₹) | बोरी का वजन (किलो) |
डीएपी | 27,799 | 1,350 | 50 |
यूरिया | – | 242 | 45 |
एमओपी | 1,428 | 1,700 | 50 |
एनपीके (15-15-15) | 13,350 | 1,470 | 50 |
एसएसपी | 7,263 | – | 50 |
यूरिया-एसएसपी कॉम्प्लेक्स | 8,952 | – | 50 |
निष्कर्ष
सरकार ने किसानों को खाद की बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। डीएपी और यूरिया पर भारी सब्सिडी से किसानों की खेती की लागत कम हो रही है। इससे उनकी आय बढ़ेगी और खाद की कालाबाजारी भी रुकेगी। सरकार की यह योजना खेती को लाभदायक बनाने में मदद कर रही है।