Land Registry New Rule 2025: अब पत्नी के नाम पर ज़मीन लेने पर सरकार का कड़ा फैसला

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Land Registry New Rule 2025 के तहत पत्नी के नाम पर जमीन लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बल्कि, सरकार ने फर्जीवाड़े रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं।​

नए नियमों का सच

2025 में लागू हुए नए भूमि रजिस्ट्री नियमों का मुख्य उद्देश्य फर्जीवाड़े को रोकना और सभी लेनदेन में पारदर्शिता लाना है। इसके तहत डिजिटल रजिस्ट्री, आधार बायोमेट्रिक सत्यापन और ऑनलाइन भुगतान जैसी नई प्रक्रियाएं शामिल हैं।​

इन नियमों का उद्देश्य पत्नी के नाम पर जमीन लेने पर रोक लगाना नहीं है। बल्कि, यह सुनिश्चित करना है कि सभी लेनदेन कानूनी और पारदर्शी तरीके से हों।​

कई राज्यों में अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है। इसमें आय का स्रोत, वैवाहिक स्थिति और निवेश का विवरण शामिल है।​

Land Registry New Rule 2025: मुख्य जानकारी

विवरणजानकारी
नया नियमडिजिटल रजिस्ट्री, आधार बायोमेट्रिक सत्यापन
लागू तारीख1 जुलाई 2025 से कई राज्यों में
मुख्य उद्देश्यफर्जीवाड़े पर रोक, पारदर्शिता बढ़ाना
महिलाओं के लिए छूटस्टांप शुल्क में छूट दी जा रही है
अनिवार्य दस्तावेजआधार कार्ड, पैन कार्ड, खतौनी, नक्शा
रजिस्ट्री शुल्कसंपत्ति मूल्य का 1%, अधिकतम ₹30,000
ऑनलाइन प्रक्रियाई-स्टांप, ऑनलाइन भुगतान, अपॉइंटमेंट
गवाहों की भूमिकादो गवाहों की आवश्यकता, बायोमेट्रिक सत्यापन

महिलाओं को दी जा रही हैं सुविधाएं

कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट दी जा रही है। यह कदम लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है।​

इस छूट का उद्देश्य महिलाओं को संपत्ति में अधिक हिस्सेदारी देना है। इससे उनकी आर्थिक सुरक्षा में भी सुधार होगा।​

सरकार का मानना है कि महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री से भूमि बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।​

गलतफहमी क्यों हुई?

इस गलतफहमी का कारण सोशल मीडिया और यूट्यूब पर फैल रही गलत जानकारी है। कई वीडियो और लेखों में भूमि रजिस्ट्री के नए नियमों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।​

इनमें कहा जा रहा है कि पत्नी के नाम पर जमीन लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन यह बिल्कुल गलत है। सरकार के आधिकारिक स्रोतों में ऐसा कोई निर्णय नहीं है।​

इस तरह की अफवाहें लोगों में भ्रम पैदा कर रही हैं। इसलिए जानकारी लेते समय आधिकारिक स्रोतों की जांच करना जरूरी है।​

असली नियम क्या हैं?

भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 के तहत संपत्ति का पंजीकरण अनिवार्य है यदि उसकी कीमत ₹100 से अधिक है। यह नियम सभी पर लागू होता है, चाहे संपत्ति किसी पुरुष या महिला के नाम पर हो।​

रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, खतौनी, नक्शा और बकाया कर न होने का प्रमाण पत्र शामिल हैं।​

इन दस्तावेजों की जांच डिजिटल और मैनुअल दोनों तरीकों से की जाती है। इससे फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की संभावना कम होती है।​

निष्कर्ष

संपत्ति रजिस्ट्री के नए नियमों का उद्देश्य सभी लेनदेन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। इसमें पत्नी के नाम पर जमीन लेने वाले लेनदेन भी शामिल हैं।​

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस प्रक्रिया पर कोई प्रतिबंध लगाया गया है। बल्कि, सरकार महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री को बढ़ावा दे रही है।​

इसके लिए कई राज्यों में स्टांप शुल्क में छूट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

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