अक्टूबर 2025 की शुरुआत में ही उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लगा है। सरकारी तेल कंपनियों ने 1 अक्टूबर से 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में 15 से 16 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई सहित प्रमुख शहरों में लागू हुई है। इसके बावजूद, 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह निर्णय त्योहारी सीजन के मद्देनजर आम उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर माना जा रहा है। इस बार भी घरेलू सिलेंडर के दाम अप्रैल 2025 से अपरिवर्तित बने हुए हैं।
कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में यह बढ़ोतरी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों और छोटे व्यवसायों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। इन संस्थानों पर ऑपरेशनल लागत बढ़ने का दबाव पड़ेगा। दूसरी ओर, घरेलू उपभोक्ताओं को इस बार बड़ी राहत मिली है। त्योहारों के दौरान खाना बनाने का खर्च बढ़ने से बच गया है। तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमतों और रुपये के मूल्य पर आधारित होता है।
LPG सिलेंडर दाम में बदलाव का ओवरव्यू
इस बार कीमतों में बदलाव केवल कमर्शियल गैस सिलेंडर तक सीमित रहा है। घरेलू उपभोक्ताओं को इस बार भी कोई झटका नहीं लगा है। नीचे दी गई तालिका में नए और पुराने दामों की तुलना की गई है।
शहर | सिलेंडर प्रकार | पुराना दाम (रुपये) | नया दाम (रुपये) | बढ़ोतरी (रुपये) | अपडेट तिथि |
दिल्ली | 19 किलो कमर्शियल | 1580.00 | 1595.50 | 15.50 | 1 अक्टूबर 2025 |
कोलकाता | 19 किलो कमर्शियल | 1684.00 | 1700.50 | 16.50 | 1 अक्टूबर 2025 |
मुंबई | 19 किलो कमर्शियल | 1531.50 | 1547.00 | 15.50 | 1 अक्टूबर 2025 |
चेन्नई | 19 किलो कमर्शियल | 1738.00 | 1754.50 | 16.50 | 1 अक्टूबर 2025 |
दिल्ली | 14.2 किलो घरेलू | 853.00 | 853.00 | 0.00 | अप्रैल 2025 |
कोलकाता | 14.2 किलो घरेलू | 879.00 | 879.00 | 0.00 | अप्रैल 2025 |
मुंबई | 14.2 किलो घरेलू | 852.50 | 852.50 | 0.00 | अप्रैल 2025 |
चेन्नई | 14.2 किलो घरेलू | 868.50 | 868.50 | 0.00 | अप्रैल 2025 |
कमर्शियल गैस सिलेंडर क्यों महंगा हुआ?
कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। इनमें से सबसे बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव है। जब तेल की वैश्विक कीमतें बढ़ती हैं, तो आयातित एलपीजी की लागत भी बढ़ जाती है। इसका असर सीधे उपभोक्ता दाम पर पड़ता है। दूसरा कारण रुपये का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मूल्य है। जब रुपया कमजोर होता है, तो आयात की लागत बढ़ जाती है।
इस बार बढ़ोतरी से पहले कई महीनों तक कमर्शियल सिलेंडर सस्ते होते रहे थे। सितंबर 2025 में ही इसके दाम में 51 रुपये तक की कटौती की गई थी। इसके बाद अचानक बढ़ोतरी ने व्यवसायिक उपयोगकर्ताओं को चौंका दिया है। त्योहारी सीजन में खर्च बढ़ने के बीच यह अतिरिक्त बोझ बन सकता है। तेल कंपनियां इसे मासिक समीक्षा का हिस्सा बता रही हैं। यह निर्णय बाजार की स्थिति के आधार पर लिया गया है।
घरेलू उपभोक्ताओं को क्यों नहीं लगा झटका?
सरकार और तेल कंपनियों ने घरेलू उपभोक्ताओं को इस बार भी संरक्षण दिया है। यह निर्णय आम जनता पर महंगाई के दबाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। त्योहारों के दौरान खाना बनाने की आवृत्ति बढ़ जाती है। ऐसे में गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से घरेलू बजट पर भारी दबाव पड़ता। इसलिए घरेलू सिलेंडर के दाम अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है।
इसके अलावा, सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को गैस सिलेंडर सब्सिडी के रूप में मिलता है। इससे उनकी वास्तविक लागत कम हो जाती है। आम उपभोक्ता अपने शहर के अनुसार दाम जान सकते हैं। दिल्ली में 14.2 किलो का सिलेंडर 853 रुपये, मुंबई में 852.50 रुपये, कोलकाता में 879 रुपये और चेन्नई में 868.50 रुपये में उपलब्ध है।
उपभोक्ता क्या कर सकते हैं?
उपभोक्ताओं के लिए यह जानना जरूरी है कि कमर्शियल और घरेलू सिलेंडर के दाम अलग-अलग होते हैं। अगर किसी को गलती से लगे कि उसका घरेलू सिलेंडर महंगा हो गया है, तो वह अपनी गैस एजेंसी या तेल कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सही जानकारी प्राप्त कर सकता है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियां अपनी वेबसाइट पर नवीनतम दाम अपडेट करती हैं।
इसके अलावा, उपभोक्ता गैस की बचत के तरीके अपना सकते हैं। जैसे कि बर्तन को ढककर खाना बनाना, बर्नर को सही साइज के बर्तन के साथ इस्तेमाल करना और गैस लीक की जांच करना। इन छोटे-छोटे कदमों से गैस की खपत कम हो सकती है। इससे लंबे समय में बचत होती है।