Maruti Suzuki India: दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी ऑटो कंपनी बनी, ₹5.10 लाख करोड़ की मार्केट वैल्यू

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भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी ने एक बड़ा कीर्तिमान हासिल किया है। कंपनी दुनिया की आठवीं सबसे वैल्यूएबल ऑटो कंपनी बन गई है। इसकी मार्केट वैल्यू 5.10 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए गौरव का विषय है बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति का भी संकेत है।

दुनिया भर के ऑटोमोबाइल बाजार में यह सफलता मारुति के लिए महत्वपूर्ण है। अब मारुति उन चुनिंदा कंपनियों में शामिल हो गई है जिन्हें वैश्विक स्तर पर ऊंची मूल्यांकन कंपनियों की सूची में जगह मिली है। इस सूची में अभी भी टेस्ला पहले स्थान पर बनी हुई है, जिसकी अगुवाई मशहूर उद्योगपति एलन मस्क कर रहे हैं।

मारुति का यह प्रदर्शन घरेलू मांग, कंपनी की विश्वसनीयता, और सरकार की विभिन्न योजनाओं से मिले सहयोग का परिणाम है। खासतौर से भारत में ऑटो सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियों और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।

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मारुति सुज़ुकी ने 5.10 लाख करोड़ रुपए का बाजार मूल्य हासिल कर भारत को वैश्विक स्तर पर जगह दिलाई है। इस मूल्यांकन ने कंपनी को आठवें स्थान पर पहुंचा दिया है। भारत में मारुति की लंबे समय से पहचान सबसे भरोसेमंद और सबसे ज्यादा बिकने वाले कार ब्रांड के रूप में रही है।

विभिन्न छोटे शहरों से लेकर बड़े महानगरों तक कंपनी की कारों की मजबूत पकड़ है। इसके कारण मारुति हमेशा से भारतीय ग्राहकों की पहली पसंद रही है। कंपनी की बिक्री लगातार बढ़ी है और यही इसके मार्केट वैल्यू में सुधार की मुख्य वजह है।

सरकारी योजनाएं और सहयोग

भारत सरकार ने हाल के वर्षों में ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है “उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना” यानी पीएलआई स्कीम। इस योजना का खास उद्देश्य भारत में ऑटो सेक्टर की क्षमता बढ़ाना और वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना है।

PLI स्कीम के अंतर्गत कंपनियों को घरेलू उत्पादन बढ़ाने और नई तकनीक अपनाने पर प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ी छूट और प्रोत्साहन की योजनाएं पेश की हैं। यह प्रयास न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं बल्कि विदेशी निवेशकों का भी विश्वास मजबूत बनाते हैं।

साथ ही स्क्रैपेज पॉलिसी भी लागू की गई है, जिसके तहत पुराने वाहन हटाकर नए और कम प्रदूषण करने वाले वाहनों की खरीद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे मारुति जैसी कंपनियों की बिक्री और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी हुई है।

वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा

मारुति ने भारतीय बाजार में सफलता के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। हालांकि टेस्ला अभी भी 1 नंबर पर बनी हुई है, लेकिन मारुति का आठवें स्थान पर पहुंचना महत्वपूर्ण है। यह दिखाता है कि भारत की कंपनियां अब केवल घरेलू स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत हो रही हैं।

दुनिया की अन्य कंपनियां जैसे टोयोटा, मर्सिडीज, और फॉक्सवैगन इस सूची में ऊंचे स्थान पर हैं। ऐसे में मारुति का इस सूची में शामिल होना भारतीय उद्योग जगत की उपलब्धि है।

भविष्य की संभावनाएं

भारत में ऑटोमोबाइल की मांग आने वाले वर्षों में और बढ़ने की संभावना है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती अहमियत और सरकार की पर्यावरण को लेकर प्रतिबद्धता ने इस क्षेत्र में नए मौके पैदा किए हैं। यदि मारुति इस दिशा में और ज्यादा निवेश करती है तो यह आने वाले समय में टॉप 5 जगहों तक पहुंच सकती है।

कंपनी पहले ही किफायती और टिकाऊ कारें बनाने के लिए जानी जाती है। अब इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने से मारुति की ताकत और बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

मारुति का दुनिया की आठवीं सबसे वैल्यूएबल ऑटो कंपनी बनना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता कंपनी की मेहनत, सरकार की योजनाओं और भारतीय उपभोक्ताओं के भरोसे का परिणाम है। आने वाले समय में इस उपलब्धि का स्तर और ऊंचा हो सकता है, जिससे भारत वैश्विक उद्योग जगत में और अधिक प्रभावशाली देश के रूप में उभरेगा।

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