प्याज के दाम में भारी गिरावट के कारण किसान और उपभोक्ता दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं। इस समय देशभर में प्याज की कीमतें करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं। यह गिरावट पिछले कुछ महीनों में देखने को मिली है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। वहीं, उपभोक्ताओं को अब सस्ता प्याज मिल रहा है, लेकिन किसान निराश हैं क्योंकि उन्हें अपना खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। इस रिपोर्ट में हम प्याज की कीमतें, क्यों गिर रही हैं, और इसका असर क्या हो रहा है, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्याज के दाम में गिरावट क्यों आई?
पिछले कुछ महीनों से प्याज की कीमतें तेजी से गिर रही हैं। अधिक उत्पादन, भारी मंडियों में बिक्री, और मानसून की अच्छी स्थिति इसकी मुख्य वजहें हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल प्याज का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 27% अधिक है। सरकार की तरफ से भी प्याज का भंडारण कर कीमतों को स्थिर करने का प्रयास किया गया है, लेकिन बाजार में आपूर्ति अधिक होने से दाम गिर गए हैं। खास बात यह है कि देश की कई मंडियों में प्याज के थोक दाम लगभग 8 से 16 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जो पिछले महीने के मुकाबले लगभग आधे हो गए हैं।
प्याज कीमतों में गिरावट का प्रभाव
किसान
किसान परेशान हैं क्योंकि उन्हें उनके मेहनत का सही दाम नहीं मिल रहा है। कई किसान प्याज बेचने के लिए मजबूर हैं, और उनका कहना है कि अब लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। कई जगह प्याज की कीमतें 10 से 20 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, जो उत्पादन लागत से भी कम हैं। इससे किसान ने अपनी प्याज की फसल वापस खेत में ही छोड़ देना शुरू कर दिया है। इससे आने वाले वर्षों में प्याज की खेती पर भी असर पड़ सकता है।
उपभोक्ता
वहीं, उपभोक्ताओं को राहत मिली है। कम कीमतों के कारण बाजार में प्याज बहुत सस्ता मिल रहा है। अब अधिकांश शहरों में प्याज 25 से 30 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है। यह उपभोक्ताओं के लिए बहुत अच्छा संकेत है कि वे कम खर्च में प्याज खरीद सकते हैं। लेकिन क्या यह स्थायी है या नहीं, यह वक़्त ही बताएगा।
सरकार
सरकार ने भी इस गिरावट को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं। कई राज्यों में प्याज की कीमतें नियंत्रित करने के लिए उचित कदम बढ़ाए गए हैं। प्याज का संग्रह बढ़ाने के साथ ही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे बड़े उत्पादन राज्यों से सरकार ने प्याज खरीदी है। इसके अलावा, ऑनलाइन डिजिटल बिलिंग और सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से प्याज की बिक्री को आसान बनाने का प्रयास किया है।
प्याज की कीमत का वर्तमान स्थिति (2025)
स्थान | कीमत (रुपये प्रति क्विंटल) | अधिकतम कीमत | न्यूनतम कीमत |
देशभर में औसत | ₹1931.6 | ₹7000 | ₹200 |
दिल्ली | ₹2700 | – | – |
मुंबई | ₹1900 | – | – |
महाराष्ट्र | ₹1600 | – | – |
मध्य प्रदेश | ₹1000 | – | – |
गुजरात | ₹605 | – | – |
ऊपर दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि प्याज की कीमत बहुत ज्यादा गिर गई है। सबसे ज्यादा कीमत अभी भी कुछ शहरों में करीब 7000 रुपये प्रति क्विंटल तक है, जबकि अधिकांश मंडियों में यह केवल 200 से 1600 रुपये के बीच है।
भविष्य की राह
आने वाले 10 दिनों में प्याज की कीमतें किस दिशा में जायेंगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उत्पादन में और बढ़ोतरी हुई, तो कीमतों में और गिरावट आ सकती है। वहीं, अगर मौसम सामान्य रहा और निर्यात बढ़ा, तो कीमतें स्थिर या बढ़ सकती हैं।
निष्कर्ष
प्याज के दाम में भारी गिरावट का कारण उत्पादन अधिक होना और बाजार में आपूर्ति का बढ़ना है। किसान इस बदलाव से परेशान हैं, जबकि उपभोक्ता खुश हैं। सरकार इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है। आने वाले दिनों में कीमतें किस दिशा में जाएंगी, यह बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा।