PM Vishwakarma Yojana: टूलकिट वाउचर का सही इस्तेमाल कैसे करें? जानें पूरा तरीका

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PM Vishwakarma Yojana Toolkit Voucher

PM Vishwakarma योजना के तहत टूलकिट वाउचर का सही इस्तेमाल कैसे करें, यह जानना हर लाभार्थी के लिए जरूरी है। इस योजना के तहत सरकार कारीगरों को आधुनिक औजार खरीदने के लिए ₹15,000 का ई-वाउचर देती है। यह वाउचर डिजिटल रूप में मिलता है और इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने से कारीगरों को अपने काम में सुधार करने में मदद मिलती है।

ई-वाउचर का उपयोग करने के लिए लाभार्थी को योजना के तहत दी गई प्रक्रिया का पालन करना होता है। यह वाउचर बीएचआईएम यूपीआई के माध्यम से सत्यापित किया जा सकता है। इसके बाद इसे निर्धारित विक्रेता से औजार खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वाउचर को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा नहीं करना चाहिए।

PM Vishwakarma योजना क्या है?

PM Vishwakarma योजना भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य 18 पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना कारीगरों को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने में मदद करती है।

इस योजना के तहत कारीगरों को प्रमाणपत्र, आईडी कार्ड, कौशल प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता जैसे लाभ दिए जाते हैं। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है जो अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं। इसके तहत लाभार्थी डिजिटल लेनदेन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी जुड़ सकते हैं।

योजना का सारांश

विवरणजानकारी
योजना का नामप्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
शुरुआत की तारीख17 सितंबर 2023
लाभार्थी वर्ग18 पारंपरिक कारीगर
टूलकिट वाउचर₹15,000 (ई-वाउचर)
प्रशिक्षण स्टाइपेंड₹500 प्रतिदिन
ऋण सीमा₹3 लाख (दो किस्तों में)
ब्याज दर5% (सरकारी अनुदान सहित)
आवेदन माध्यमसीएससी या ऑनलाइन पोर्टल

टूलकिट ई-वाउचर कैसे प्राप्त करें?

ई-वाउचर प्राप्त करने के लिए लाभार्थी को सबसे पहले योजना के लिए पंजीकरण करना होता है। यह प्रक्रिया आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से होती है। पंजीकरण के बाद लाभार्थी को बुनियादी प्रशिक्षण शुरू करना होता है।

ई-वाउचर की राशि ₹15,000 प्रशिक्षण की शुरुआत में ही दी जाती है। लाभार्थी को इसके लिए आधिकारिक पोर्टल पर लॉग इन करना होता है। वाउचर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर एक लिंक या क्यूआर कोड के रूप में भेजा जाता है।

  • वाउचर प्राप्ति के लिए आधार और मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है।
  • लाभार्थी को बुनियादी प्रशिक्षण में भाग लेना होता है।
  • वाउचर डिजिटल रूप में भेजा जाता है।
  • इसे भारतीय बैंक के ई-वाउचर पोर्टल पर डाउनलोड किया जा सकता है।
  • वाउचर की वैधता आमतौर पर 6 महीने की होती है।
  • वाउचर को डिलीट नहीं करना चाहिए।

ई-वाउचर का सही इस्तेमाल कैसे करें?

ई-वाउचर का इस्तेमाल करने के लिए लाभार्थी को निर्धारित विक्रेता से संपर्क करना होता है। यह विक्रेता योजना के तहत पंजीकृत होता है। लाभार्थी को विक्रेता के साथ अपना क्यूआर कोड साझा करना होता है।

वाउचर का उपयोग केवल निर्धारित औजारों की खरीदारी के लिए किया जा सकता है। इसे नकद में बदलना या किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर करना वर्जित है। विक्रेता वाउचर को स्कैन करके लेनदेन पूरा करता है।

  • वाउचर केवल निर्धारित विक्रेता से खरीदारी के लिए इस्तेमाल करें।
  • क्यूआर कोड को डिलीवरी एजेंट के साथ साझा करें।
  • वाउचर को सक्रिय करने की आवश्यकता नहीं होती।
  • औजार घर पर डिलीवर किए जाते हैं।
  • वाउचर की वैधता समाप्त होने से पहले इसका उपयोग करें।
  • वाउचर को किसी अन्य व्यक्ति के साथ न बांटें।

डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन

PM Vishwakarma योजना डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है। इसके तहत लाभार्थी को प्रति डिजिटल लेनदेन पर ₹1 का प्रोत्साहन दिया जाता है। यह लाभ प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन तक मिलता है।

इस प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को अपने व्यवसाय में डिजिटल भुगतान का उपयोग करना होता है। यह लाभ उन्हीं लाभार्थियों को मिलता है जो दूसरी किस्त के लिए आवेदन करते हैं। यह लाभ उनके बैंक खाते में सीधे जमा होता है।

ऋण सुविधा के बारे में

योजना के तहत लाभार्थी को बिना जमानत के ₹3 लाख तक का ऋण दिया जाता है। यह ऋण दो किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त ₹1 लाख और दूसरी किस्त ₹2 लाख की होती है। ब्याज दर 5% निर्धारित है।

पहली किस्त बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद मिलती है। दूसरी किस्त तभी मिलती है जब लाभार्थी डिजिटल लेनदेन का उपयोग करता है या उन्नत प्रशिक्षण पूरा करता है। यह ऋण उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है।

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