जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव! खरीदी हुई ज़मीन की रजिस्ट्री हो सकती है कैंसिल? Property Registry Latest Update 2025

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2025 में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। अब डिजिटल प्रक्रिया, आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और ऑनलाइन भुगतान जैसे नए नियम लागू किए गए हैं। इनके तहत गलती होने पर खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री भी रद्द हो सकती है.​​

जमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025

2025 में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब रजिस्ट्री पूरी तरह डिजिटल हो गई है। आप घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. इसके लिए आपको बिक्री पत्र, टाइटल डेड, नो इनकंबेंसी सर्टिफिकेट और राजस्व रिकॉर्ड जैसे दस्तावेज स्कैन करके सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने होंगे. अब रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है।​

इस नए सिस्टम में आधार कार्ड की अनिवार्यता भी शामिल है। खरीदार, विक्रेता और गवाहों को अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा। इसका मकसद फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्ति पर रोक लगाना है. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से पहचान की पुष्टि होगी। इससे जमीन से जुड़े विवादों में कमी आने की उम्मीद है.​​

रजिस्ट्री रद्द होने के कारण

अगर रजिस्ट्री में गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसे रद्द किया जा सकता है। यह तब हो सकता है जब फर्जी दस्तावेज या गलत जानकारी का इस्तेमाल किया गया हो. अगर परिवार के किसी सदस्य ने आपत्ति जताई है और आधार सत्यापन में गड़बड़ी पाई गई है, तो भी रजिस्ट्री रद्द हो सकती है.​

अगर जमीन का असली मालिक नहीं है और कोई और व्यक्ति उसे बेच रहा है, तो रजिस्ट्री रद्द हो सकती है. अगर रजिस्ट्री धोखे, दबाव या डर के कारण हुई है, तो उसे कोर्ट के जरिए रद्द किया जा सकता है. एक ही जमीन को दो बार बेचे जाने पर भी बाद की रजिस्ट्री रद्द हो जाती है.​

जमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025

विवरणजानकारी
नया नियम लागू होने की तारीख1 जुलाई 2025
आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशनअनिवार्य
डिजिटल दस्तावेज अपलोडअनिवार्य
ऑनलाइन भुगतानअनिवार्य
डिजिटल रजिस्ट्री कॉपीतुरंत उपलब्ध
रजिस्ट्री रद्द करने की समय सीमा90 दिन
वीडियो रिकॉर्डिंगअनिवार्य
जमीन जमाबंदी धारक के नाम परअनिवार्य

नए नियमों के फायदे

नए नियमों से जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेज, सुरक्षित और पारदर्शी होगी. डिजिटल प्रक्रिया से समय और पैसे की बचत होगी। कागजी कारवाही में कमी आएगी. आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जी पहचान पर रोक लगेगी.​​

ऑनलाइन भुगतान से काले धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। हर भुगतान का रिकॉर्ड सरकारी खजाने में सुरक्षित रहेगा. डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी से कागजी हेराफेरी नहीं हो पाएगी. वीडियो रिकॉर्डिंग से यह सुनिश्चित होगा कि रजिस्ट्री किसी दबाव या धोखे से नहीं की गई है.​​

नए नियमों की चुनौतियां

ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कमी और तकनीकी जानकारी का अभाव नई चुनौती बन सकता है. जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है या आधार में तकनीकी गड़बड़ी है, उनके लिए यह नियम मुश्किल खड़ी कर सकता है. ऑनलाइन भुगतान के लिए तैयारी न होने वाले लोगों को भी परेशानी हो सकती है.​

बिहार जैसे राज्यों में जमीन खरीदते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि जमीन जमाबंदी धारक के नाम पर हो। अगर संयुक्त जमाबंदी है, तो सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति जरूरी होगी. यह नियम छोटे किसानों और खरीदारों के लिए नई जटिलता ला सकता है.​

रजिस्ट्री रद्द होने से बचने के उपाय

रजिस्ट्री रद्द होने से बचने के लिए सभी दस्तावेज ध्यान से चेक करें। जमीन का असली मालिक होना चाहिए. आधार कार्ड सही होना चाहिए। रजिस्ट्री के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग में स्पष्ट रूप से बयान दें। ऑनलाइन भुगतान की डिजिटल रसीद सुरक्षित रखें।​

अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो स्थानीय रजिस्ट्रार ऑफिस या कानूनी सलाहकार से संपर्क करें। सरकारी पोर्टल पर ताजा जानकारी चेक करें। सभी दस्तावेज सही होने की पुष्टि करें.​

निष्कर्ष

2025 के नए नियम जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को एक नई दिशा देंगे। डिजिटल प्रक्रिया, आधार लिंकिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कदम भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी पर लगाम लगाने में मदद करेंगे. लेकिन इन नियमों का असली फायदा तभी मिलेगा जब सरकार ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और तकनीकी सहायता बढ़ाएगी.​

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