बार-बार गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन आज के समय में आम समस्या बन गई है। इसे अक्सर तनाव या खराब मूड से जोड़ा जाता है, लेकिन असली वजह शरीर में कुछ जरूरी विटामिन्स की कमी हो सकती है। विशेष रूप से विटामिन B12 और B6 की कमी सीधे दिमाग के कामकाज और मूड पर असर डालती है। इनकी कमी से न्यूरोट्रांसमीटर्स का उत्पादन प्रभावित होता है, जो खुशी और शांति के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा विटामिन D की कमी भी मानसिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। ये विटामिन्स शरीर को ऊर्जा देने, नर्वस सिस्टम को सही रखने और मूड को स्थिर करने में मदद करते हैं। इनकी कमी होने पर व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगता है। इसलिए अपने खानपान में इन विटामिन्स को शामिल करना बहुत जरूरी है।
विटामिन की कमी और गुस्सा का संबंध
गुस्सा आना एक सामान्य भावना है, लेकिन जब यह बिना वजह या बहुत तेजी से आने लगे, तो यह चिंता की बात हो सकती है। आजकल गलत खानपान, तनाव और नींद की कमी के कारण लोगों में विटामिन्स की कमी बढ़ रही है। यह कमी सीधे दिमाग की कार्यप्रणाली पर असर डालती है। विटामिन B6 और B12 दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन्स के उत्पादन में मदद करते हैं। ये हार्मोन्स मूड को ठीक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से चिड़चिड़ापन, बेचैनी और गुस्सा आने लगता है।
मुख्य विटामिन्स और उनके लक्षण
विटामिन B12 की कमी न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इसकी कमी से नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। इसके कारण चिंता, अवसाद, स्मृति कमजोर होना और गुस्सा आना शुरू हो जाता है। विटामिन D की कमी भी मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। यह विटामिन सूरज की रोशनी से मिलता है और मूड रेगुलेशन में मदद करता है। इसकी कमी से डिप्रेशन और चिंता का खतरा बढ़ जाता है।
विटामिन्स की कमी का ओवरव्यू
विटामिन | मुख्य कार्य | कमी के लक्षण | स्रोत | जोखिम वाले लोग | जांच का तरीका | उपचार | रोकथाम |
विटामिन B12 | नर्वस सिस्टम को सही रखना, लाल रक्त कोशिकाएं बनाना | थकान, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, डिप्रेशन, स्मृति कमजोरी | दूध, अंडा, मछली, फोर्टीफाइड अनाज | शाकाहारी, बुजुर्ग, गैस्ट्रिक समस्या वाले | ब्लड टेस्ट | सप्लीमेंट्स, इंजेक्शन | संतुलित आहार, नियमित जांच |
विटामिन B6 | सेरोटोनिन और डोपामिन बनाना | चिड़चिड़ापन, नींद न आना, जल्दी गुस्सा आना | अनाज, केला, अंडा, चिकन | गर्भवती महिलाएं, शराब पीने वाले | ब्लड टेस्ट | डाइट में बदलाव, सप्लीमेंट्स | फल और सब्जियां खाना |
विटामिन D | मूड रेगुलेशन, हड्डियों को मजबूत रखना | डिप्रेशन, चिंता, गुस्सा, थकान | सूरज की रोशनी, अंडा, मछली | घर में रहने वाले, गहरी त्वचा वाले | ब्लड टेस्ट | सप्लीमेंट्स, धूप में बैठना | रोज सुबह की धूप लेना |
मैग्नीशियम | न्यूरोट्रांसमीटर काम करना | चिड़चिड़ापन, तनाव, नींद की समस्या | नट्स, बीन्स, पालक | डायबिटीज, गुर्दे की बीमारी वाले | ब्लड टेस्ट | डाइट में शामिल करना | संतुलित आहार |
जिंक | इम्यूनिटी और मूड नियंत्रण | मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, तनाव | दालें, अनाज, दूध | शाकाहारी, बच्चे | ब्लड टेस्ट | सप्लीमेंट्स | दालें और अनाज खाना |
ओमेगा-3 फैटी एसिड | दिमाग के कोशिकाओं को स्वस्थ रखना | डिप्रेशन, गुस्सा, एंग्जायटी | मछली, अखरोट, फ्लैक्ससीड | शाकाहारी, बुजुर्ग | ब्लड टेस्ट | सप्लीमेंट्स | मछली या फ्लैक्ससीड खाना |
गुस्सा आने के अन्य कारण
विटामिन की कमी के अलावा कई अन्य कारण भी गुस्सा आने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। तनाव और चिंता इसके प्रमुख कारण हैं। नींद की कमी भी व्यक्ति को चिड़चिड़ा बना देती है। खानपान में चीनी और प्रोसेस्ड फूड की अधिकता भी मूड पर बुरा असर डालती है। कुछ दवाएं भी गुस्सा आने का कारण बन सकती हैं। इसलिए अगर गुस्सा बार-बार आ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
गुस्से पर कैसे काबू पाएं?
गुस्से पर काबू पाने के लिए सबसे पहले अपने खानपान में सुधार करना चाहिए। विटामिन B12, B6 और D युक्त चीजें खाएं। रोजाना कम से कम 15 मिनट सुबह की धूप में बैठें। योग और ध्यान करने से मन शांत रहता है। नियमित व्यायाम करने से तनाव कम होता है। अगर गुस्सा बहुत ज्यादा आ रहा है, तो डॉक्टर से जांच करवाएं। वे ब्लड टेस्ट के आधार पर उचित उपचार बता सकते हैं।
खानपान में क्या शामिल करें?
अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, अंडा, मछली, दूध और नट्स शामिल करें। शाकाहारी लोगों को फोर्टीफाइड अनाज और न्यूट्रिशनल यीस्ट खाना चाहिए। विटामिन B12 की कमी होने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स या नेजल स्प्रे ले सकते हैं। विटामिन D के लिए रोज सुबह की धूप लें। फल और सब्जियां खाने से विटामिन B6 की कमी दूर हो सकती है।